लेखनी प्रतियोगिता -04-Feb-2023..... कैंसर...
कैंसर इसके बारे में जितना लिखें उतना कम हैं...। बहुत सी गलत धारणाएँ इस बिमारी को लेकर हमारे समाज में फैली हुई हैं ओर इन सब गलत धारणाओं की शिकार कहीं ना कहीं मैं खुद भी हुई हूँ...।
आज हम जितना इस बिमारी से खौफज़दा हैं पहले इससे कही गुना ज्यादा थे...। ये बिमारी एक तरह से लोगों की जीने की उम्मीद खत्म कर देती थीं..।
मेरे घर में इस बिमारी की शुरुआत मेरी मम्मी से हुई...। लेकिन लोगो की बातों ओर समाज में फैली गलत धारणाओं की वजह से इस बिमारी की वजह से हम सभी हमारी मम्मी से दूर कर दिए गए..। मम्मी को बोला गया की यह बिमारी छूने से, साथ खाने से भी फैलती हैं... इसलिए मम्मी ने अलग खाना और अलग सोना शुरू कर दिया...। मुझे आज भी अच्छे से वो दिन याद हैं...। हम मम्मी को बहुत समझाते थे पर मां तो माँ होतीं हैं.. वो अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ भी कर सकतीं हैं..।
काफी महीने हम ऐसे ही एक ही घर में दूर दूर रहें... फिर जब डाक्टर ने समझाया तब मम्मी समझी... लेकिन तब तक हम बहुत कुछ खो चुके थे...।
मम्मी का जब ट्रीटमेंट चल रहा था... तब मम्मी को बहुत तकलीफ होतीं थीं... मुझे वो दिन भूलाए नहीं भूलते हैं...। उस वक्त घर परिवार की सभी जिम्मेदारी मुझपर आ गई थीं...। तकलीफ की वजह से मैंने मेरी मम्मी को रोते ओर मौत की दुआएं मांगते देखा था... ये सब देखना एक बच्चे के लिए कितना कष्टदायक होता हैं ये सिर्फ वो बच्चा ही जान सकता हैं..। छोटी उम्र में ही जिंदगी की सबसे बड़ी तकलीफ को मैंने देखा था.... अपनी मम्मी को पल पल तड़पते हुए..।
मैं जब भी किसी को कैंसर ग्रस्त देखतीं हूँ अनायास ही मेरी आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं...। कैंसर का दर्द ओर तकलीफ मेरी मम्मी के साथ साथ मैंने भी बहुत झेला हैं...। जब भी इस बारें में कुछ लिखतीं हूँ तब तब आंसू छलक जाते हैं..।
सिर्फ मम्मी ही नहीं मेरी भाभी जी, मेरी बहन ओर भी ना जाने कितने रिश्तेदार इस बिमारी से ग्रस्त हुवे हैं...। कुछ की जान चलीं गई तो कुछ सामना कर गए...।
इस बिमारी के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह हैं की लोग इसके शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं.... । हमें जरूरत हैं इसके बारे में ठीक से जानना और समझना ओर लोगों तक सही जानकारी देना...।
कैंसर को अगर पहले चरण तक ही समझा जाएं और रोका जाए तो इसका इलाज संभव है.... लेकिन अक्सर लोग इसके शुरुआती चरण को अनदेखा कर देते हैं...। कुछ कैंसर में तो पता भी नहीं चलता...क्योंकि कैंसर के बारे में आज भी बहुत सी गलत धारणाएँ और डर लोगों के जहन में समाया हुआ हैं... मरीज खुद भी इसके बारे में ज्यादा जानना ही नहीं चाहता... वो खुद छोटे छोटे लक्षणों को अनदेखा कर देता हैं...।
इस बारे में कुछ कड़े कदम ओर कुछ सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना बेहद जरुरी हैं..।
सदस्य बड़ा हो या छोटा हर एक सदस्य हर परिवार के लिए अहम हैं... ऐसे में किसी को इस बिमारी की वजह से खो देना.. बेहद दुखदायी होता हैं...।
अदिति झा
06-Feb-2023 12:19 PM
Nice 👌
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डॉ. रामबली मिश्र
05-Feb-2023 09:35 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Varsha_Upadhyay
05-Feb-2023 06:44 PM
Nice 👍🏼
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